पचास साल बाद बना हिंदी का नया साहित्य ज्ञानकोश: हिंदी दिवस

पचास साल बाद बना हिंदी का नया साहित्य ज्ञानकोश: हिंदी दिवस


 


बीते पचास वर्षों में कोई हिंदी साहित्य ज्ञानकोश नहीं बना था. इससे हिंदी जगत में एक तरह का बौद्धिक पिछड़ापन नज़र आने लगा था.


इस पिछड़ेपन को दूर करने और समाज के हाशिए पर पहुंचे साहित्य को मुख्यधारा में लाने के लिए कोलकाता स्थित भारतीय भाषा परिषद और वाणी प्रकाशन के साझा प्रयास और सैकड़ों लेखकों की बरसों की मेहनत का नतीजा, सात खंडो में एक वृहद हिंदी साहित्य ज्ञानकोश के तौर पर सामने आया है.


वर्ष 2014 से 2017 के बीच तैयार हुए इस ज्ञानकोश में साहित्य और उसके इतर विभिन्न विषयों पर 275 लेखकों के छब्बीस सौ से ज्यादा लेख शामिल हैं.


हाल में इसकी पहली प्रति दिल्ली में राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को सौंपी गई. इस ज्ञानकोश के प्रकाशन के मौके पर कोलकाता में आयोजित एक समारोह में देश भर से जुटे विद्वानों ने भी इस पहल को 'ऐतिहासिक और हिंदी के लिए गौरव का पल' बताया.